बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
ये रामायण महाभारत विजय कहते सदाक़त की
बिछाए जाल कितने ही शकुनि पर मात खाता है
विधाता ने दिखाई रात छल को हर क़यामत की
आर.एस. “प्रीतम”
शब्दार्थ- अदावत- दुश्मनी, सदाक़त- सच्चाई, क़यामत- प्रलय/विनाश