बुन लो सपने रात ढलती चांदनी में
हवा चली, चांदनी चमकती जाती है,
बादल सजली गुनगुनाती जाती है!!
सितारों की रौशनी बढ़ती जाती है,
कोरे आकाश में रंग भरती जाती है!!
चांदनी रात में महकते सुंदर फूल,
दिल को छू जाए खुशबू अनमोल,
गज़ल की संगीत मयी धुन की साज,
धरती पर कर दे रहमत की बरसात!!
दिल की धड़कन पर ताली बजती है,
इश्क़-ए-ज़िंदगी की कहानी सजती है!!
गज़ल प्यार के रंग में रंगती जाती है,
ख़्वाब बीते पलों से जुड़ती जाती है!!
बुन लो सपने रात ढलती चांदनी में,
आँखों को चैन दे जगमगाती रौशनी में!!
ये गज़ल जो बात करें अनूठी सितारों की,
हर दिल जो छू जाए ख़्वाब की कहानी में!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़