Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2020 · 2 min read

बुन्देली भाषा में चिट्ठी

“चिट्ठी”
चरन छुअत हैं हमइ इते सें,
सो सब ही स्वीकारो,
कैसे दद्दा बाई उते हैं,
कैसो हाल तुम्हारो.
कैसी भइ जा साल फसल,सब-
कागज पे लिख दइयो,
साहूकार खों कछु दे पेहो,
हमको इतइ बतइयो.
सोची थी जा साल कछू तो,
तनखा बढ के मिल है,
कछू भेज दें हैं, हम तुमखों,
मन सबको बस खिल है.
लेकिन का केदें हम भइया,
महँगाई ने खा लओ,
रोजइ सोचत कछू बचा लें,
हाथ कछू नइ आ रओ.
सात हजार कमरा के दे रय,
सात हजार खाबे के,
तीन हजार मोटर के लग रय,
बस दफ्तर जाबे के,
कपड़ा तो हम घरइ धोऊतइ,
बाहर प्रेस करा रय,
पाँच हजार ऊपर उठ जातइ,
कछू जोर नइ पा रय.
सबरी तनखा भुक हो जातइ,
का हम तुमसें कै दें,
सोचत सोचत प्रान सुखा लय,
साँची हम सब कै दें.
पर होनी खों का हम कै दें,
इते पर रहे लाले,
खूब जुगत से खरचा कर रय,
पाउन पर गय छाले.
सोची थी दिल्ली में जा कें,
रुपया खूब कमा हैं,
सबरे खरचा काट कूट कें,
रुपया इते बचा हैं.
देखो संजा के कऊँ जा के,
कोनउ जुगत लगा हैं.
दो घंटा बस उते काम कर,
कछू जोर हम पा हैं,
धीरज धरियो जा साले हम,
दस हजार पहुँचा हैं,
कछू जोर कें तुम दे दइयो,
करजा सबइ मिटा हैं.
जादा का हम लिख दें भइया,
बाई दु:ख न पाबें,
दद्दा सें अब काम बनत नइ,
बैठे बैठे खाबें.
भोजी के हम चरन छुअत हैं,
सुख से तुम सब रहियो,
चुन मुन, गुड्डू रहें प्यार सें,
आसिस मेरो कहियो.

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 507 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
जिसका हम
जिसका हम
Dr fauzia Naseem shad
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
शेखर सिंह
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
आदमखोर बना जहाँ,
आदमखोर बना जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
Shreedhar
मनोहन
मनोहन
Seema gupta,Alwar
भारत के बच्चे
भारत के बच्चे
Rajesh Tiwari
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कांटों में क्यूं पनाह दी
कांटों में क्यूं पनाह दी
Surinder blackpen
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
सनम
सनम
Satish Srijan
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
Paras Nath Jha
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
लक्ष्मी सिंह
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
बाबा नीब करौरी
बाबा नीब करौरी
Pravesh Shinde
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
Sanjay ' शून्य'
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
Dr MusafiR BaithA
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
Loading...