Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष क्षमा सहित आप सभी कि प्रतिकियाओं कि प्रतीक्षा करुँगी

सभी कहते हैं कि तुम बुद्ध थे
लेकिन तुम तो सिद्धार्थ ही थे
सत्य यही कि तुम बुद्ध नहीं थे
बुद्धता को पाना चाहते थे
ये बुद्धता क्या है ..जो भिन्न है
स्वयं को स्थित प्रगी करना
सैम स्थिति में या स्थिर होना
यही तो बुद्ध है …………….
अस्थिर होकर भागे थे घर से
पत्नी और राहुल को सोते छोड़
अरे आप में इतना भी साहस न था
कि सामना कर उनसे कहकर जाते
इसीलिए आप बुद्ध थे नहीं बने
अपनी बुद्धि पर नियन्त्रण पाया
की आपने बहुत तपस्या ज्ञान पाया
आपो दीपो भवः का संदेश दिलाया
धम्म का भी विश्लेष्ण करवाया
स्त्रियों को भी संग खूब चलाया
लेकिन जो था उसे मिटा न पाया
लिखा लोटस सूत्र महत्व बताया
विपश्यना में ध्यान योग समझाया
निःसंदेह दी नै दिशा समाज को
लेकिन खुद पूर्ण बुद्ध न पाया
मैं मूक रहूंगी नहीं कुरेदुंगी
बौद्ध धर्म नाम के वो पन्ने
जिन्होंने कर्म हीनता को फैलाया
त्रुटियाँ तो बहतु सी हैं ज्ञान में
इसलिए मैं आपको बुद्ध नहीं मानती
आप भागते रहे स्त्री से ? पत्नी से ?
शान्ति का अर्थ लगा बैठे कायरता
ये भी दुष्परिणाम आप को ही जाता
क्षमा कीजिये वुधि जन मैं यही सोचती
यदि नहीं तो यशोधरा सुजाता और
आम्रपाली का भी दिन मनाइए
जिनके उल्लेख के बिना सिद्धार्थ
गौतम बुद्ध नहीं ……….तक मैं
सिद्धार्थ को बुद्ध नहीं मानती
लेकिन सम्मान करती उनके कृत्यों का
फिर भी पूज्य या अनुकरणीय नहीं मानती

बुद्ध पूर्णिमा 2024

Language: Hindi
2 Likes · 40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
Sonam Puneet Dubey
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
कुश्ती दंगल
कुश्ती दंगल
मनोज कर्ण
दिल को आजमाना चाहता हूँ
दिल को आजमाना चाहता हूँ
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अक्सर सच्ची महोब्बत,
अक्सर सच्ची महोब्बत,
शेखर सिंह
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
" मिट्टी के बर्तन "
Pushpraj Anant
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मंज़िल को पाने के लिए साथ
मंज़िल को पाने के लिए साथ
DrLakshman Jha Parimal
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो कुछ दूर तलक चलते हैं
चलो कुछ दूर तलक चलते हैं
Bodhisatva kastooriya
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डरना नही आगे बढ़ना_
डरना नही आगे बढ़ना_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
yuvraj gautam
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
अपना - पराया
अपना - पराया
Neeraj Agarwal
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
पूर्वार्थ
कटु दोहे
कटु दोहे
Suryakant Dwivedi
*मैं* प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
*मैं* प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
Anil chobisa
साइंस ऑफ लव
साइंस ऑफ लव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाइकु .....चाय
हाइकु .....चाय
sushil sarna
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...