बुद्ध को है नमन
नमन है बुद्ध को,
बुद्ध को है नमन।
चुन्द का भोज कर,
प्रेम से ग्रहण कर,
विषाक्त आहार वह,
शुद्धता से गये निगल।
नमन है बुद्ध को,
बुद्ध को है नमन।
मुक्त है किया,
था वह अंत भोजन,
बढ़ चलें बुद्ध भगवान,
कुशीनगर की डगर।
नमन है बुद्ध को,
बुद्ध को है नमन।
अप्प दीप बनो,
शोक न अब करो,
त्याग कुंठित मन,
प्रकाश हृदय में भरो।
नमन है बुद्ध को,
बुद्ध को है नमन।
धम्म है सब जगह,
संघ है साथ खड़ा,
प्रशस्त करो मार्ग स्वतः,
बुद्ध है हृदय में बसा ।
अंत है सत्य यहाँ,
अंतिम भोजन है किया,
महापरिनिर्वाण है यहाँ,
कुशीनारा पावन नगर।
नमन है बुद्ध को,
बुद्ध को है नमन।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।