Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#9 Trending Author
सिद्धार्थ गोरखपुरी
118 Followers
Follow
Report this post
1 May 2022 · 1 min read
बुत
रिश्ते बुत थे और निभाना इबादत थी
अब लोग.. बुतपरस्ती के खिलाफ हो गए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
143 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
Ravikesh Jha
कैसे?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
Monika Arora
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
मेरी खुशी हमेसा भटकती रही
Ranjeet kumar patre
प्यासा के हुनर
Vijay kumar Pandey
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सफल हस्ती
Praveen Sain
2848.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
TAMANNA BILASPURI
🙅नया फ़ार्मूला🙅
*प्रणय*
Success Story-1
Piyush Goel
We are sky birds
VINOD CHAUHAN
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ये ग़ज़ल"
Dr. Kishan tandon kranti
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
किरणों की मन्नतें ‘
Kshma Urmila
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो जो मुझसे यूं रूठ गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...