बुढ़ापे का सहारा
बुढ़ापे में एक दूजे के सहारा होंगे
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बुढ़ापे में एक दूजे के साथ हम ही देंगे।
देगा कोई और नही साथ हम ही देंगे।
घुटने नही चलेंगे दर्द घुटनों में भी होंगे।
एक दूजे का सहारा बन एक दूजे के होंगे।
देगा नही दिखाई जब हमारी दोनो आंखों से।
हाथ पकड़ेंगे एक दूजे का,चश्मे हम ही होंगे।।
बच्चे होंगे विदेशों में देखभाल को कौन होंगे।
देखभाल एक दूजे की इस दुनिया में हम होंगे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम