बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नमो-नमो नमो-नमो,
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो।
अदभुत महिमा, पिता तहिं मां,
हृदय में मेरे रमो-रमो।
नमो-नमो. . . . . .
ज्येष्ठ तुम्हीं हो,
श्रेष्ठ तुम्हीं हो,
घट घट अंतर्यामी तुम्हीं हो।
सकल जहां में,
कण कण के प्रभु,
एक मेरे बस स्वामी तुम्हीं हो।
तेरी ही अर्जी, तेरी ही बिनती,
पावन मन मेरा करो-करो।
नमो-नमो. . . . . .
चल में अचल में भी,
जल में भी थल में भी।
पहाड़ परबत,
हिम तरु फल में भी।
पंच भूतादि शक्ति आदि,
रोम रोम में समो-समो।
नमो-नमो. . . . . .
सप्तद्वीप,
नव पूंज जिनगानी है।
सूर्य चन्द्र धरा,
पवन अउव पानी है।
दिव्य शक्ति,
करूं तेरी ही भक्ति,
काम क्रोध मेरे हरो-हरो।
नमो-नमो. . . . . .