बुजुर्ग
बुजुर्ग🙏🙏(कविता)
बुजुर्ग होई छैथ चारू धाम यौ
करै छी कोटि कोटि प्रणाम यौ
छैथ ओ घरक धूरी
करू हुनकर मान सम्मान यौ
बुजुर्ग सऽ परिवार अछि
बुजुर्गे सऽ आधार अछि
छैथ ओ घरक निर्माता
हुनके सऽ जग संसार अछि
अनुभव के छैथ भंडार यौ
ज्ञान के छैथ सागर यौ
छैथ ओ घरक नींव
बुद्धि विवेक में आगर यौ
त्याग स परिवार बनेलैथ
सहनशक्ति के अमृत मिलेलैथ
छैथ ओ घरक रीढ़
तपस्या स परिवार सजौलैथ
(स्वरचित)