Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2022 · 1 min read

बुआ

सुलझी सी पहेली है वो
मेरी बचपन की सहेली है वो
बिन मांगे सब कुछ देती
प्यार सारा मुझ पर लुटाती
मेरे राजो की राजदार है वो
सिर की मेरी सरताज है वो
उसकी कहानियों का किरदार हूं मैं
उसके जहान की राजकुमारी हू मैं
मेरी सुबह उसकी शाम हूं मैं
मेरी बुआ वो उसकी भतीजी हू मैं

कोमल स्वामी “दिल की आवाज”
From
Jaipur

Language: Hindi
2 Likes · 490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
टूट जाते हैं
टूट जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
देश के रास्तों पर शूल
देश के रास्तों पर शूल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
श्री गणेश वंदना
श्री गणेश वंदना
Kumud Srivastava
"आसमान पर छाए बादल ,
Neeraj kumar Soni
आंखों में तिरी जाना...
आंखों में तिरी जाना...
अरशद रसूल बदायूंनी
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
तरक्की से तकलीफ
तरक्की से तकलीफ
शेखर सिंह
घर के अंदर, घर से बाहर जिनकी ठेकेदारी है।
घर के अंदर, घर से बाहर जिनकी ठेकेदारी है।
*प्रणय*
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
कभी कभी जिंदगी
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
शायर कोई और...
शायर कोई और...
के. के. राजीव
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🌸 आशा का दीप 🌸
🌸 आशा का दीप 🌸
Mahima shukla
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...