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17 May 2024 · 1 min read

बुंदेली मुकरियां

बुंदेली मुकरियाँ:-

1

मोई आकै प्यास बुझाता |
ठंडै पानू से नहलाता |
हात लगत ही वह देता चल –
ऐ री साजन ? नाँ री नल |

2

बने ठने में हौतइ न्यारा।
गुइयाँ ‌मौखौ लगबै प्यारा।
मेरे सिर का है मणि चूड़ा
ऐ री साजन? नाँ री जूड़ा।।
****

-राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक “अनुश्रुति” त्रैमासिक बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

2 Likes · 1 Comment · 125 Views
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