बुंदेली दोहा बिषय- बिर्रा
-बुंदेली दोहा विषय – बिर्रा
1
बिर्रा रोटी खाय जौ , सई हाजमा रात |
जठर अग्नि भी तेज हो, #राना सबसे कात ||
2
चना मिलत जब गेउँ में, #राना ताकत देत |
ईकी यह तासीर है , उदर रोग हर लेत ||
3
बिर्रा रोटी जब बनें , मन से जो भी खात |
स्वाद महक साजौ लगे , #राना साँसी कात ||
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राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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