बुंदेली दोहा- “पैचान” (पहचान) भाग-2
बुंदेली दोहा विषय – “पैचान” ( पहचान )
ऐंगर हरदम ही रयै , #राना श्री हनुमान |
राम प्रभू के खास है , जग में यह पैचान ||
बड़ी अगर पैचान हौ , कभउँ न राखौ दम्भ |
वरना #राना एक दिन , चित्त पटा हौं खम्भ ||
उँगुली से कत है धना , #राना रव चुपचाप |
गुइयाँ है पैचान की , घर से खिसकौ आप ||
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✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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