बुंदेली दोहा – परदिया
बुंदेली दोहा विषय – परदिया
बनी परदिया बीच में,आँगन दवँ है डाड़।
#राना भइयन बीच में,हो गइ है अब फाड़।।
भड़या चढ़ गय परदिया,उतरे आँगन बीच।
#राना गानौ लवँ चुरा,लै गय पिटिया खीच।।
बना आय हम परदिया,#राना जितै जमीन।
घेरा बंदी हो गई,कोउ न पाबै छीन।।
डाँड़त घर खौं परदिया,#राना हिस्सा बाँट।
मेड़ बाँटबै खेत खौं,बँटबैं बैला राँट।।
बँटबारे की परदिया,सब किस्सा कै देत।
#राना सब यह जान लें,फैली घर में रेत।।
*** दिनांक -7-12-2024
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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