बुंदेली दोहा -कुलंग (एक बीमारी)
बुन्देली #दोहा विषय – #कुलंग
#राना लखें कुलंग खौं ,जिनखों जा हो जाय।
चलतन में तकलीफ हो,रुक -रुक के चल पाय।।
वात रोग कत वैद्य यह, है कुलंग सुन भाइ।
#राना जनबा कन उठै ,लगै डमा की पाइ।।
“ना”का पत्ता हौत है ,आत डमा के काम।
कत कुलंग #राना मिटै ,कातइ लोग तमाम।।
यह कुलंग जीखौं भयी ,#राना पीड़ा पाय।
जौन दवा जो भी कहै ,बौ सब लाकै खाय।।
#राना की विनती इतै ,जब कुलंग भी होय।
किसी वैद्य की मानियौ,मिलै फायदा सोय।।
***दिनांक -30-12-2024
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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