Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2022 · 1 min read

बीमार ए दिल

ज़हन का मर्ज अब दिल का आज़ार बन गया,
अधूरी तमन्नाओं का शोर “अनु” को बीमार कर गया ।

Language: Hindi
Tag: शेर
144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
हिंदी दिवस पर विशेष
हिंदी दिवस पर विशेष
Akash Yadav
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
जग के का उद्धार होई
जग के का उद्धार होई
राधेश्याम "रागी"
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तस्वीर
तस्वीर
Dr. Mahesh Kumawat
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
झूठी हमदर्दियां
झूठी हमदर्दियां
Surinder blackpen
Hey ....!!
Hey ....!!
पूर्वार्थ
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
आज का इंसान खुद के दुख से नहीं
आज का इंसान खुद के दुख से नहीं
Ranjeet kumar patre
आश्रित.......
आश्रित.......
Naushaba Suriya
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
*प्रणय प्रभात*
"मन बावरा"
Dr. Kishan tandon kranti
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
gurudeenverma198
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
Neelofar Khan
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
गुमनाम 'बाबा'
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
प्रेम निवेश है-2❤️
प्रेम निवेश है-2❤️
Rohit yadav
"जो खुद कमजोर होते हैं"
Ajit Kumar "Karn"
गीत
गीत "आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
Loading...