बीन मौसम बारिश…
आज ऐसी शीत लहर चली,
हवा भी हमकदम बनके उसके संग बही…!
देखो ना उसको सावन से प्रीत हुई……!!
शायद कितना वो तडपी होंगी,
ओश के अश्रुसे,
सुबह-सुबह छुपकर कितना रोई होंगी….!!
सावन को भी…
शीत ऋतू से मिलने की कितनी तड़प होंगी,
तभी तो वो बीन मौसम रिमझिम बारिश से,
देखोना… उस पे कितना प्यार बरसा रहा हैं….!!!