बीते हुये युगों से कुछ यादें साथ ले लें ।
बीते हुए युगों से कुछ यादें साथ ले लें ।
बन जाये एक तराना वो साज़ साथ ले लें ।।
इतिहास कह रहा है बीते युगों की गाथा ।
कुछ सीख उनसे लेके आभास कल का क़रलें।।
कुछ काम जो है जो बांकी वो सब तमाम कर लें ।
दुनिया बनेगी जन्नत चलो कल से बात करलें।।
कट जाये सर हमारा माँ भारती की खातिर।
ऊँचा रहे तिरंगा सौगन्ध साथ ले लें ।।
कुछ लोग स्वार्थी हैं पर हम भी भारतीय हैं।
नववर्ष की घड़ी में यह बात याद कर लें।।
नववर्ष का है स्वागत ये ढंग न नया है ।
सागर के गीतों में भी अंदाज़ कुछ जुदा है।।
नववर्ष की मंगलमयी शुभकामनायें
सुनील सोनी “सागर”
चीचली(म.प्र.)