Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2022 · 1 min read

बीती यादें

बीती यादें लेकर जाये कहां,?
अपना नहीं कोई और आस्तां।

भूलने वाले इतना तो सोच तू
चाक हो गया किसी का गिरेबां।

बेहतर है भूल जाते हम भी तुम्हें
जीना हमारा भी हो जाता आसां।

बेसबब संभाल रखें है क्यूं हमने
कुछ ख़त,सूखे गुलाब और अरमां।

मिले थे तो,मिल भी गये होते
मिले भी तो बस, कदमों के निशान।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
शिद्दत से की गई मोहब्बत
शिद्दत से की गई मोहब्बत
Harminder Kaur
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
भजन - माॅं नर्मदा का
भजन - माॅं नर्मदा का
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
बाल कविता : रेल
बाल कविता : रेल
Rajesh Kumar Arjun
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
बहू हो या बेटी ,
बहू हो या बेटी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
माँ
माँ
meena singh
दीवारों की चुप्पी में
दीवारों की चुप्पी में
Sangeeta Beniwal
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
Paras Nath Jha
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
नीति प्रकाश : फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख सादी द्वारा लिखित पुस्तक
नीति प्रकाश : फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख सादी द्वारा लिखित पुस्तक "करीमा" का ब्रज भाषा में अनुवाद*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
Kanchan Alok Malu
221/2121/1221/212
221/2121/1221/212
सत्य कुमार प्रेमी
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
Kshma Urmila
चोट
चोट
आकांक्षा राय
3061.*पूर्णिका*
3061.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
I find solace in silence, though it's accompanied by sadness
I find solace in silence, though it's accompanied by sadness
पूर्वार्थ
इक्कीस मनकों की माला हमने प्रभु चरणों में अर्पित की।
इक्कीस मनकों की माला हमने प्रभु चरणों में अर्पित की।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"लाठी"
Dr. Kishan tandon kranti
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
मैं पागल नहीं कि
मैं पागल नहीं कि
gurudeenverma198
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
संसद उद्घाटन
संसद उद्घाटन
Sanjay ' शून्य'
Loading...