बीता समय अतीत अब,
बीता समय अतीत अब,
वर्तमान क्यों खोय
भावी चिन्तन व्यर्थ है,
जो होए सो होय
—महावीर उत्तरांचली
बीता समय अतीत अब,
वर्तमान क्यों खोय
भावी चिन्तन व्यर्थ है,
जो होए सो होय
—महावीर उत्तरांचली