Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2020 · 1 min read

“”बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं**

सोचता हूं रोज क्या लिखूं किसके लिए लिखूं क्यों लिखूं ?
कलम बोल उठती लिख कुछ लिख किसी के लिए जरूर लिख।
कहना उसका माना, लाया हूं एक और नया तराना।
पढ़ने वाले पाठक बंधु समझे मेरा यह गाना।।
————————————————————————-
बीत रहा है पल पल जीवन, कर्म से नाता जोड़ लो।
लक्ष्य बनाओ बढ़ते जाओ, आलस करना छोड़ दो ।
बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं।।
जल्दी जागो त्यागो नींद को, समय से ही सो जाना है।
काम बहुत है जीवन छोटा, जन-जन को बतलाना है।
कर्म प्रधान हो भाव सभी के, लक्ष्य इसी से पाना है।
जाग गए हम आप सभी तो औरों को भी जगाएं ।
बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं ।।
आने वाली नव पीढ़ी भी, पीछे हमारे आएगी ।
राह जैसी हम बना के छोड़े, चलती उसी पे जाएगी ।
सुखद होगा जीवन सबका, मंजिल उन्हें भी मिल पाएगी।
सार यही है मेरे गीत का, घर घर में फैलाएं।
बीता लौट ना पाए ,नया कुछ करते जाएं ।।
** राजेश व्यास अनुनय **

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
आलेख - प्रेम क्या है?
आलेख - प्रेम क्या है?
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
ममता
ममता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
अरदास मेरी वो
अरदास मेरी वो
Mamta Rani
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
जब ज़रूरत के
जब ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
"कितना कठिन प्रश्न है यह,
शेखर सिंह
हे राघव अभिनन्दन है
हे राघव अभिनन्दन है
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
तुम्हारी बातों में ही
तुम्हारी बातों में ही
हिमांशु Kulshrestha
अनंत करुणा प्रेम की मुलाकात
अनंत करुणा प्रेम की मुलाकात
Buddha Prakash
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आए अवध में राम
आए अवध में राम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
Shreedhar
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बेटी
बेटी
Vandna Thakur
विविध विषय आधारित कुंडलियां
विविध विषय आधारित कुंडलियां
नाथ सोनांचली
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
Loading...