बीज
बड़े अरमानो के साथ
बोया था जो बीज
आज लम्बे इन्तजार के बाद
अंकुरित हुआ है वो ।
मिट न जाये वजूद उसका
हर मौसम की मार से बचना है उसे
सपनो का भविष्य है
कमजोर, नाजुक, कोमल है वो ।
तेजी से जिन्दगी के
बदलते हुए हालातों मे
कुछ आखिरी उम्मीदों का
अकेला सहारा है वो ।
घना अनोखा वृक्ष बन
मजबूत जड़ों से उठेगा ऊपर
समय चक्र का जवाब बनेगा
जब फूलों फलो से महकेगा वो ।।
राज विग