बिहार में आज शपथ ग्रहण
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कल रक्षामंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बिहार के नव निर्वाचित एन डी ए विधायकों की बैठक हुई। सर्व सम्मति से नीतीश कुमार को पुनः एन डी ए विधायक दल का नेता चुन लिया गया।राज्यपाल के पास जाकर सरकार गठन का दावा भी पेश कर दिया नीतीश जी ने। राज्यपाल का आमंत्रण मिलने के बाद ही नीतीश कुमार ने पत्रकारों को बता दिया कि सोमवार को नई सरकार बन जाएगी। मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होगा।
मोदी जी ने बिहार की जनता से वादा किया था कि एन डी ए यदि बहुमत में आती है तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। जब भाजपा को अधिक सीटें आई तो पत्रकारों ने अटकलें लाकर विवाद पैदा करना चाहा था। पर जीत के बाद दिल्ली में भाजपा द्वारा आयोजित धन्यवाद सभा में मोदी जी ने स्पष्ट कर दिया था कि बिहार में नीतीश जी के नेतृत्व में किए गए विकास कार्यों पर जनता ने मुहर लगाई है सरकार उन्हीं के नेतृत्व में बनेगी। भाजपा का अपना एक विशिष्ट चरित्र है। गठबंधन धर्म का निर्बाह हमेशा से बी जे पी करती आई है। अटल जी के समय भी ऐसा ही होता था और मोदी जी ने तो इस बार बिहार में गठबंधन धर्म का एक आदर्श ही प्रस्तुत कर दिया।
यह ठीक है कि जद यू का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं हो पाया। परंतु यह स्वीकारना ही होगा कि बिहार ने पुनः जंगल राज के खिलाफ नीतीश के सुशासन को चुना।
बिहार के मतदाताओं ने सबसे अधिक भरोसा किया मोदी जी पर। मोदी जी ने साफ साफ कहा था अपनी रैलियों में कि डबल इंजन की सरकार बनाइए विकास की गारंटी हम देते हैं। उन्होंने कहा दो राजकुमारों को यू पी ने प्रोजेक्ट किया आज यूपी विकास कर रहा है और कानून का राज्य स्थापित हो गया है। जनता से मोदी जी ने बिहार में भी दोनों राजकुमारों को रिजेक्ट करने जाने हेतु आग्रह किया और जनता ने उनकी बात मान ली।
बिहार में बहुत अधिक सीटें एन डी ए को मिल जाती पर प्रथम चरण के मतदान में कुछ इलाकों में चिराग पासवान की वजह से कुछ भ्रम और संशय की स्थिति बनी रही। इसका खामियाजा एन डी ए को भुगतना पड़ गया। बाद के दो चरणों में प्रधानमंत्री जी ने आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए भ्रम और संशय को बहुत हद तक दूर कर दिया ओर एन डी ए की साख भी बची बिहार भी जंगल राज की वापसी से बच गया।
कल भाजपा नेता प्रेम कुमार ने ठीक कहा कि चिराग ने बीजेपी और जद यू दोनों को डैमेज किया किन्तु जद यू को अधिक डैमेज किया। भाजपा के अनेक लोगों को चिराग ने अपने दल से चुनाव लड़वाया। यह एक सुनियोजित साजिश लगती है। इस वजह से एन डी ए को निश्चित रूप से नुकसान हुआ। चिराग कहते थे कि वे मोदी के हनुमान हैं यह भी कहते थे कि हमारे जो लोग जीतेंगे वे भाजपा को ही मजबूत करेंगे। पर जब प्रथम चरण के वोट के बाद बिहार के अंदर एक भावना आ गई कि चिराग की वजह से गलत हो रहा है तो जनता ने बाकी दो चरणों में निर्णायक रूप से एन डी ए के पक्ष में मतदान किया।
चिराग का पूरा आचरण राजनीतिक और नैतिक रूप से अनर्गल कहा जायेगा।इस तरह की राजनीति करने का प्रयास पहली बार हुआ। हम इस प्रयास को घृणित मानते हैं। चलिए जैसा नीतीश जी ने अपने अंतिम चुनावी सभा में धमदाहा पूर्णियां में कहा कि अंत भला तो सब भला।आज चिराग को एक सीट ही मिल पाई। उनजे ऐंटी नीतीश अभियान की बिहार के परिपक्व मतदाताओं ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया। एन डी ए गठबंधन को जो भी वोट मिला वह प्रधानमंत्री जी और नीतीश जी को पोसिटिव वोट के रूप में मिला।
तो आज फिर नीतीशे कुमार। यही नारा सच होने जा रहा है।
भाजपा किसे उप मुख्यमंत्री बनाएगी यह भाजपा का मामला है। सुशील मोदी ने ठीक कहा कि उनके ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में भाजपा और आर एस एस ने बहुत कुछ दिया जो किसी दूसरे को बिहार में नहीं मिला। वे कहते हैं पार्टी जो उत्तरदायित्व देगी वे इसे स्वीकार जारेंगे।
तो हर प्रकार से लुटियन पत्रकारों का गैंग हार गया। चुनाव अभियान में तेजस्वी की सभाओं को नबर्दस्ती बड़ी भीड़ बताना इनकी साजिश थी।एक्जिट पोल के माध्यम से इनकी मंशा अधिक उजागर हुई। एक चैनल और एक एजेंसी ने तो हद ही कर डित लुटियन पत्रकार परिणाम के बाद भी महागठबन्धन के लिए जाम करते रहे।अब ये उप मुख्यमंत्री के मामले की उछालना चाहते हैं। बिहार ही लुटियन पत्रकारों को औकात में ला देगा।
राष्ट्रवादियों और हिंदुओं का खुला समर्थन बिहार की बननेवाली
एन डी ए सरकार को रहेगा।
भारत माता की जय
जय हिंद जय भारत
वंदेमातरम्
सनातन धर्म की जय
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