बिहारी छंद
[02/09/2020] बिहारी छंद, प्रथम प्रयास
मापनी- 221 122 112, 21 122
यूँ द्वार खड़ा आज सखा, नाम सुदामा ।
है आस नई और फटे, तनु पर जामा ।।
ओ कुञ्ज बिहारी सुन ले, अर्ज हमारी ।
ये विप्र पुकारे कर ले, दर्ज हमारी ।।
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बस एक यही है तुम से, आस कन्हैया ।
दो दर्श हरो नैनन की, प्यास कन्हैया ।।
शुभ दर्श दिखाने झट श्री , कृष्ण पधारे ।
ये हाल तुम्हारा अब है, तात हमारे ।।
अभिनव मिश्रा