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29 Nov 2021 · 1 min read

बिल्ली शाकाहारी (बाल कविता)

बिल्ली शाकाहारी (बाल कविता)
——————————————-
बिल्ली ने खाना जब खाया
पेट दनादन फूला ,
जैसे झूल रहा हो कोई
अन्दर आकर झूला

लगी सोचने खाना मैने
खाया थोड़ा ज्यादा ,
दो चूहे मोटे वाले थे
मुर्गा भी था आधा

कान पकड़कर बोली
सब्जी-फल अब अपनाउँगी,
दूध पिउँगी
चूहा-मुर्गा कभी नहीं खाउँगी ।
————————————————-
रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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