Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2020 · 2 min read

रिश्तों का सौंदर्य (नई दृष्टि नई परिकल्पना)

एक थी कबरी बिल्ली रानी
सीधी भी और चतुर सयानी
कहीं से फिर एक चूहा आया
लम्बा कद पर दुबली काया
चूहा देख बिल्ली ललचाई
लेकिन उसको दया भी आई
चूहा कांप रहा था थर – थर
दया आंख में देह थी जर-जर
सोचा , अगर इसे खाऊंगी
मज़ा नहीं बिल्कुल पाऊंगी
मोटा ज़रा इसे होने दो
खा-खा इसे बड़ा होने दो
तभी स्वाद इसका पाऊंगी
पेट तभी मैं भर पाऊंगी
सोच कर ऐसा बिल्ली रानी
देती उसको दाना – पानी
चूहा जब यह भोजन पाता
खुशी-खुशी में समय बिताता
रोज – रोज की सेवादारी
बिल्ली को पड़ती थी भारी
लेकिन बिल्ली भूल रही थी
मोह -माया में झूल रही थी
देते – देते भोजन पानी
चूहे की वह हुई दीवानी
धीर-धीरे दिन वह आया
खा-खा कर चूहा मोटाया
देख उसे बिल्ली ललचाती
खाऊं कैसे सोच न पाती
चूहा न उससे डरता था
प्यार सदा उससे करता था
खूब झूमता इठलाता था
थोड़ा भी न घबराता था
एक दिवस बिल्ली ने ठाना
निश्चित ही चूहे को खाना
निश्चय कर चूहे को पकड़ा
पंजे में उसको फिर जकड़ा
चूहा एकाएक घबराया
फिर भोलेपन से मुस्काया
बोला , मम्मा क्या करती हो
पंजे में तुम क्यों भरती हो
मुझको दर्द बहुत है होता
डर से मेरा मन है रोता
छोड़ो मुझको अब जाने दो
भूख लगी है कुछ खाने दो
बिल्ली धीमे से मुस्काई
बहुत दिनों में घड़ी यह आई
अब निश्चय खाऊंगी तुझको
बहुत मज़ा आएगा मुझको
यही सोचकर तुझको पकड़ा
इसीलिए पंजे में जकड़ा
सुनकर बिल्ली की ये बातें
दिल को देने वाली घातें
चूहा की आंखें भर आईं
मौत सामने पड़ी दिखाई
बेचारा चूहा घबराया
उसको कुछ भी समझ न आया
बोला , फिर क्यों प्यार किया था
बेटे सा दुलार दिया था
छोड़ दे मां बेटे का ये खेल
तेरा मेरा क्या है मेल
अब तू मुझको खा ही ले मां
भरपूर मज़ा तू पा ही ले मां
सुन चूहे की ऐसी बातें
भूल गई वह अपनी घातें
दया बहुत बिल्ली को आई
अपनी करनी पर पछताई
बिल्ली का दिल भर आया
चूहे को फिर गले लगाया
आंख से आंसू झर-झर झरते थे
प्यार सदा वे अब करते थे ।

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जो  लिखा  है  वही  मिलेगा  हमें ,
जो लिखा है वही मिलेगा हमें ,
Dr fauzia Naseem shad
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* प्रभु राम के *
* प्रभु राम के *
surenderpal vaidya
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
मन का द्वंद  कहां तक टालू
मन का द्वंद कहां तक टालू
Shubham Pandey (S P)
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम नहीं!
तुम नहीं!
Anu Kumari Singh
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
शेखर सिंह
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
भरम
भरम
Shyam Sundar Subramanian
हरीतिमा हरियाली
हरीतिमा हरियाली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शेर
शेर
*प्रणय*
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
कवि रमेशराज
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
अजीब मानसिक दौर है
अजीब मानसिक दौर है
पूर्वार्थ
संवेदनाएं
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोकतंत्र बस चीख रहा है
लोकतंत्र बस चीख रहा है
अनिल कुमार निश्छल
तलबगार दोस्ती का (कविता)
तलबगार दोस्ती का (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
Ajit Kumar "Karn"
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
Shweta Soni
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...