Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2020 · 2 min read

बिलों के बिल में मजदूर-किसान!!

सरकार बिल लेकर आई है,
एक बिल में किसान,
एक बिल में मजदूर भाई है,
दोनों ही संतुष्ट नहीं,
लेकिन सरकार अडिग है,
इस बिल की नितांत जरुरत है,
इससे देश आत्मनिर्भर बनेगा,
मजदूर और किसान,
दोनों ही खुशहाल रहेगा।

माननीयों की है निगहबानी,
बिल लाकर की मेहरबानी,
मजदूर-किसान को लग रहा,
उसकी मेहनत पर फिर गया पानी।

मजदूर मांग रहा था न्यूनतम मजदूरी,
किसान की मांग थी, निर्धारित दाम पर हो खरीदी,
मजदूर की चाहत है,हर हाथ को काम मिले,
किसान की चाहत है,हर फसल का उचित दाम मिले,
मजदूर को चाहिए थी,ऐसी कानूनी सुरक्षा,
किसान को चाहिए, फसलों की हो अभिरक्षा।

मजदूर मांग रहा था, शोषण से मुक्ति,
किसान चाह रहा था, खेती के लिए अनुकूल वातावरण सुरक्षित,
माननीयों ने ऐसा मार्ग अपनाया,
मजदूरों से अधिक, मिल मालिकों को शक्तिशाली बनाया,
इधर किसानों को भी चाहिए थी मजबूती,
निर्धारित दाम पर फसलों की खरीद होती।

लेकिन सरकार ऐसा बिल लेकर आई,
जहां मजदूर की शीघ्र नहीं होगी सुनवाई,
और किसान की भी ना हो सकेगी कमाई,
एक को मिल रहा है, मिल मालिकों का नियंत्रण,
एक को मिल रहा,दूर देश में बिक्री का निमंत्रण,
मजदूर परेशान हैं, सरकार की मिल मालिकों को मिली रहमत से,
किसान हैरान हैं, बड़े बड़े खरीदारों को मिल रही राहत से,
श्रीमान ने वह दिया, जो नहीं मांगा था,
माननीयों ने वह दिया, जो चाहा नहीं था,
मजदूर काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं,
किसान फसलों का उचित दाम मिले, इसके लिए सड़क पर है।

हजरतों ने वह कर दिखाया,
जो अपेक्षित नहीं है,
ऐसे बिल लेकर आए,
जिसे स्वीकारना ही बेबसी है,
मजदूर और किसान, बेचैन है,
सरकार के लाए बिलों के बिल में है।

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
आसान कहां होती है
आसान कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
याद मीरा को रही बस श्याम की
याद मीरा को रही बस श्याम की
Monika Arora
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
आज ही का वो दिन था....
आज ही का वो दिन था....
Srishty Bansal
"मकसद"
Dr. Kishan tandon kranti
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय प्रभात*
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
VINOD CHAUHAN
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
Loading...