बिन वजह
बिन वजह कहाँ होता, कुछ भी यहाँ
बात भी करते हैं लोग, वजह से यहां ।।
मेरा हाल जो तूने, पूछ लिया है आज
कल सब पूछेंगे, इसकी भी वजह यहाँ ।।
शमशीर भी छिपा लेगी, अपना मुँह
देखेगी जब वो शब्दों के वार यहां ।।
मत सोचो, तुम कुछ छुपा लोगे दिल में
आँखे भी कर देती हैं ,सब बेनक़ाब यहाँ।।
नज़र बचा के गर जाना चाहो तो सोच लेना
बिन वजह भी कुछ लोग मिल जाते है यहाँ ।।