बिन मुस्कान
बिन मुस्कान चेहरा खिलता नही
दिल हर किसी पे यूँ आता नही
हाथ थामा हमने जो कैसे छोड दे
पल मे नाता कोई यूँ टूटता नही
झूठ पर टिकी है नीव जिसकी
महल वो ज्यादा कभी चलता नही
हौसले गर किसी के बुलंद है
फिर मिलने से कुछ बचता नही
बिन मुस्कान चेहरा खिलता नही
दिल हर किसी पे यूँ आता नही
हाथ थामा हमने जो कैसे छोड दे
पल मे नाता कोई यूँ टूटता नही
झूठ पर टिकी है नीव जिसकी
महल वो ज्यादा कभी चलता नही
हौसले गर किसी के बुलंद है
फिर मिलने से कुछ बचता नही