बिन मांगे मोती मिले
बिन मांगे मोती मिले,मांगे मिले न भीख।
समझ के देखो ,छुपी इसी में प्यारी सीख।
नेकी जितनी मर्जी कर,पर कूंए में दे डाल।
फल की इच्छा करेगा ,होगा फिर बवाल।
थोथा चना बाजे घना,मत शेखी तू बघार।
लोग सब है जानते ,रह बस तू पर्दा डार।
सो क्यों मंदा आखिये,जित जमे राजान।
इससे बेहतर जग में,नाही है कोई ज्ञान।
Surinder Kaur