बिन बुलाए आती है
बिन बुलाए आती है,
साथ हमें ले जाती है,
कोई बहाना न चलता,
जब मौत फरमान लाती है,
रंक हो या फिर राजा,
साधु संत हो या ख्वाजा,
सबकी शिक्षा यही कहती,
मौत को रोके ऐसा न दरवाजा,
यह सत्य अटल है,
होता कभी नहीं विफल है,
फिर क्यों इतना डरते हो,
जाना सबकों आज नही तो कल है,
माया मोह सब छूटते,
सारे रिश्ते फिर टूटते,
नाम भी गुम हो जाता,
अपने भी धीरे- धीरे भूलते,
जीवन भर लगाई दौड़,
अपनों से रखी थी हौड़,
पलभर का आराम नहीं,
अब देह रखी खुले रोड़,
मैं देख रहा नभ से,
कोई हँस रहा, कोई रो रहा कब से,
चंद मिनटों में क्या हो गया,
तन राख हुआ जब से,
जग ऐसे ही चलता है,
कौन कहाँ रुकता है,
आना जाना सत्य है,
फिर क्यों चिंता करता है,
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