Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2024 · 1 min read

बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है

बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
ऐसी कोई शै दुनिया में माँ हीं होती है,

डाँट ,मार,मनुहार, प्यार, झिड़की,,जाने क्या क्या
एक साथ इन सौगातों की झड़ी लगाती है,

कहती है,तू बैठे-बैठे रोटी तोड़ता है
और फिर उसको हाथ से अपने क़ौर खिलाती है

गुस्से में धर देती है दो चार चपत भी तो
फिर पछता के गालों को भी तो सहलाती है।

145 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
सत्य से सबका परिचय कराएं, आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं, आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
क्या कहता है ये मौन ?
क्या कहता है ये मौन ?
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी लेकिन कुछ अपनो को औ
बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी लेकिन कुछ अपनो को औ
jogendar Singh
विनेश भोगाट
विनेश भोगाट
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
पूर्वार्थ
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
Ravi Prakash
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
कभी खुश भी हो जाते हैं हम
कभी खुश भी हो जाते हैं हम
Shweta Soni
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
शेखर सिंह
कही दूर नहीं हो ,
कही दूर नहीं हो ,
Buddha Prakash
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
..
..
*प्रणय*
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
"जिन्दादिली"
Dr. Kishan tandon kranti
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
DrLakshman Jha Parimal
മയിൽപ്പീലി-
മയിൽപ്പീലി-
Heera S
पिताजी हमारे
पिताजी हमारे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"" *समय धारा* ""
सुनीलानंद महंत
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आदरणीय मंच,
आदरणीय मंच,
Mandar Gangal
Loading...