बिन जीव सब कंकाल
ये आस्था/विश्वास/ये ट्रेंडिंग
जिस इंसान को खुद ईश्वर ने पैदा किया,
उसी इंसान ने मतलबी भगवान.
जो देख नहीं सकता उसे आँखें,
जो देख सकता है उसे मस्तिष्क,
नहीं दिया.
जो बोल सकता है वो सुनता नहीं,
जो सुनते नहीं वे बोल भी नहीं सकते.
जो दिव्यांग है वो कृति है उसकी,
जो सम्पन्न है उसमें विकृति,
जड़ में स्वीकृति चेतन जस् अभिव्यक्ति,
मरुस्थल बंजर हिमपात ज्वालामुखी,
पैदाइशी एकमुखी खोजे रुद्राक्ष एकमुखी,
मुख एक है वाणी चतुर् मुखी लखे तो चतुष्पदी,
एक जीवडा सौ जंजाल,
एक नफरत सब कंगाल,
बिन जीव बस कंकाल,
प्रेम एकाधार सबका सूत्रधार,