बिन कहे हर बात हो
बिन कहे हो बयां हालात
बस इशारों से बात हो
कहना जरूरी हो अगर
बस निगाहों से बात हो
हो शुरू कहीं से भी मगर
बस धड़कनों में बात हो
खामोशियों के आलम में
बस मुहब्बत के जज्बात हो
उनकी खुशबू ले आए हवाएं
मदहोश से दिल के हालात हो
तड़प हो दिल में इकरार की
बस ऐसी इक मुलाकात हो
रौशन हो जो नूर से उनके
बस वो सुहानी सी रात हो
बाहों में वो चांदनी की तरह
चांद तारों की बारात हो
होंठों पर होंठ जाए ठहर
बस बेखुद से वो लम्हात हो
दरमियां न हवा भी गुजर सके
बस इतने करीब से बात हो
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© गौतम जैन ®