“बिना माल के पुरुष की अवसि अवज्ञा होय। “बिना माल के पुरुष की अवसि अवज्ञा होय। बेटा-बेटी मित्रगण सहज न सूंघे कोय।।” 😊प्रणय प्रभात😊