बितता बदलता वक्त
ये वक्त ये पल ये लम्हा
धीरे धीरे गुजर ही रही है
कुछ खट्टे मीठे यादों के संग
ये धुंधली यादें बन रह जाती है
जो करना है वह अभी करें
कल का कभी इंतज़ार न करें
कल के चलते कितने कल गए
फिर भी वो कल न आ पाया है
दो पल जीना है दो पल मरना है
जिंदगी जब तक संघर्ष तब तक
आज मुश्किलों को हंसकर जी ले
कल हंसकर इसका इंतजार करोगे
आज यहां, कल वहां फिर कहीं
आज तुम्हारे संगी, कल किसी के
कभी खुशी-ग़म कभी हार-जीत
इसी को सबलोग, कहते है जिंदगी