बिटिया
कहत बिटिया धन हौत पराव ।
दो कुल की मर्यादा बेटिया फिर जो काय दुराव
कहत विटिया धन………
मातपिता घर देबी रूपा महा लक्ष्मी पति घर में
आदिशक्ति मां अन्नपूर्णा श्रजन कारिनी भूधर मे
मां की ममता से जग पालन करनें का हे भाव
कहत बिटिया घन……….
सहज संस्कारों की सागर संस्कृति का है संगम
ग्यान औरबिग्यान आदि में कहां किसी से बैटी कम
पालन पौषण करै जगत का ममता मयी स्वभाव
कहत बिटिया धन हौत पराव
कहत बिटिया धन हौत पराव