बिटिया होती है कोहिनूर
बिटिया होती है कोहिनूर।
जिस घर मे आती है बेटिया
भर जाती है वहाँ नूर।
बिटिया होती है,
ईश्वर का सबसे सुरीली सुर।
बिटिया होती है कोहिनूर।
बेटिया नही होती है
परिवार के लिए
मजबूरी का कोई रूप,
उसे सम्मान देखकर देखो,
अपने परिवार के लिए
वह बन जाती है,
कभी छाँव तो कभी धूप।
बेटिया होती है कोहिनूर।
अपने शुभ कदमों से बिटिया
घर मे सुख-समृद्धि लाती है।
जहाँ-जहाँ वह जाती है
वहाँ रोनक ले आती है।
इसीलिए तो मानी जाती है
वह लक्ष्मी जी का रूप ।
बिटिया होती है कोहिनूर
माँ-पत्नी, बहन-बेटी के रूप मे
वह कितने ही घरों को सजाती है।
गंगा की तरह बेटी भी
हर रिश्तो की बोझ उठाती है।
बिना कोई गिला-शिकवा किये
वह अपना फर्ज निभाती है।
इसीलिए तो मानी जाती है
वह गंगा का रूप।
बेटियां होती है कोहिनूर।
घर के एक-एक सदस्य पर
बिटिया अपना प्यार लुटाती है।
अपने मधुर स्वभाव से वह
सबको अपना बनाती है।
इसीलिए तो दोनो घरों का
मान वह कहलाती है।
इसीलिए तो मानी जाती है
ऐश्वर्य की देवी के रूप।
बिटिया होती है कोहिनूर।
अपने उत्तम संस्कारों से,
घर मे सुख-शांति लाती है।
इसके लिए वह सदा
शांत स्वभाव अपनाती है।
इसीलिए तो कही जाती है
माँ सरस्वती जी का रूप ।
बिटिया होती है कोहिनूर।
जिस घर में आती है बिटिया
वह घर हो जाता स्वर्ग का रूप।
बिटिया होती है खुशियों का
विराट स्वरूप।
इसीलिए तो मानी जाती है
वह दुर्गा माँ का रूप।
बिटिया होती है कोहिनूर।
अपने चंचल स्वभाव से वह
सबके दिल मे जगह बनाती है।
अपने ज्ञान से वह
अपना परचम लहराती है।
अपने नाम के साथ-साथ
माँ-पिता का यश फैलाती है।
इसीलिए बिटिया कहलाती है
यश की देवी का रूप।
बिटिया होती है कोहिनूर।
बिटिया तो होती है कस्तूरी का रूप
घर-आँगन को खुशबू से भर देती है
उसका हर एक रूप ।
अपने कर्मो से वह देती है
घर को स्वर्ग का रूप
इसीलिए तो मानी जाती है
वह सब देवियों का विराट स्वरूप।
बिटिया होती है कोहिनूर।
अनामिका।