बिजली एक ज्यों चमकी (मुक्तक)
बिजली एक ज्यों चमकी (मुक्तक)
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सभी की जिंदगी में आती है बदली घने गम की
सभी की जिंदगी में एक आती है निशा तम की
उदासी से भरी है इस जगत की व्यूह – संरचना
जिओ उत्साह से नभ में कि बिजली एक ज्यों चमकी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451