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18 Nov 2021 · 1 min read

बिजली एक ज्यों चमकी (मुक्तक)

बिजली एक ज्यों चमकी (मुक्तक)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
सभी की जिंदगी में आती है बदली घने गम की
सभी की जिंदगी में एक आती है निशा तम की
उदासी से भरी है इस जगत की व्यूह – संरचना
जिओ उत्साह से नभ में कि बिजली एक ज्यों चमकी
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
316 Views
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