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10 Jun 2022 · 1 min read

बिछड़े हुए तुम से

बिछड़े हुए तुम से, मुद्दत हुई है।
ज़िन्दा हैं अब तक, हैरत हुई है ।।

दिल को ज़माने से फुर्सत हुई है।
यादों में जो इतनी शिद्दत हुई है।।

बेचैनियों को जो आराम आया ।
नींदों को ख़्वाबों से राहत हुई है।।

महसूस करतें हैं, एहसास तेरा ।
तुम्हें लिखते रहना आदत हुई है।।

बिछड़े हुए तुम से, मुद्दत हुई है।
ज़िन्दा हैं अब तक हैरत हुई है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
7 Likes · 95 Views
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