बिगड़े हालात हैं
*** बिगड़े हालात हैं (गजल)***
****212-222-222-212****
**************************
आज बिगड़े सारे मेरे हालात हैं,
साथ देते ना मेरे तो जज्बात है।
चाँद मेघों की गोदी में है छिप गया,
ये किधर से आई अंधेरी रात है।
धार नजरों की तेरी लगती ओर है,
खूब बदले बदले तेरे ख्यालात है।
आपके नैनों मे भी दिखता प्यार है,
आप ही मेरे जीवन की सौगात है।
हसरतों को जल्दी से भी पूरा करो,
शेष रह ना जाए कोई भी बात है।
रोकिये मत उर में उठता तूफान है,
जल्द होने वाली लगता बरसात है।
प्रेम में मनसीरत पागल हो गया,
यार बस बाकी लेने फेरे सात हैं।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)