बिगड़ता यहां परिवार देखिए……..
बिगड़ता यहां परिवार देखिए, बिगड़ता यहां संस्कार देखिए।
बिगड़ता यहां बचपन देखिए, बिगड़ता यहां बड़प्पन देखिए।।
बिगड़ता यहां आचार देखिए, बिगड़ता यहां व्यवहार देखिये।
बिगड़ता यहां मिलाप देखिए, बिगड़ता यहां पोशाक देखिए।।
बिगड़ता परिवार देखिये……….
बिगड़ता बेटा तकरार देखिए ,बिगड़ता बुजुर्गों की दरकार देखिए।
बिगड़ता प्यार देखिए, बिगड़ता झूठों की झूठी सरकार देखिए।।
बिगड़ता यहां सदाचार देखिए, बिगड़ता यहां पर व्यापार देखिए।
बिगड़ता यहां बोल देखिए, बिगड़ता यहां सब मोल -तोल देखिए।।
बिगड़ता परिवार देखिये……….
बिगड़ता दुनिया का रंग देखिए , बिगड़ता दुनियां संग देखिए।
बिगड़ता इंसान का मान देखिए ,बिगड़ता भरा संसार देखिए।।
बिगड़ता मेल -मिलाप देखिए, बिगड़ता माला का जाप देखिए।
बिगड़ता यहां पर कर्म देखिए, बिगड़ता यहां पर धर्म देखिए।।
बिगड़ता परिवार देखिये…………
बिगड़ता यहां पर अमीर देखिए, बिगड़ता यहां पर जमीर देखिए।
बिगड़ता यहां पर पीर देखिए, बिगड़ता यहां पर फकीर देखिए।।
बिगड़ता यहां पर खान-पान देखिए,बिगड़ता यहां मेहमान देखिए।
बिगड़ता यहां पर ईमान देखिए, बिगड़ता यहां पर जहान देखिए।।
बिगड़ता परिवार देखिए ………………
सतपाल चौहान।