Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2020 · 1 min read

बिखर गए अहसास

बिखर गए अहसास जैसे
कागजों के ढेर थे
बिखर गए अहसास जैसे
किताबों के बगैर थे
बिखर गए है अहसास जैसे
अतीत के दरपन थे
बिखर गए अहसास जैसे
रुकी हुई धड़कन थे
बिखरते रहे हर नौबत में ऐसे
कि शाख से फूल अलग थे
बिखरते रहे बार-बार, शराफत में ऐसे
कि चराग के नीचे, अंधेरे अज़ल थे
बिखरे हैं, तो हवाओं में धूल के कण
बिखरे हैं, तो मुट्ठी से फिसलते क्षण
यूँ ही बिखर जाते है अहसास
इल्जाम लगाने से
बिखर जाती हैं कई कयास
उम्मीद के सिरहाने से
बिखरते तो है फुरसत के पल
बेचैनीयों में ऐसे
कि लगता है
गिरते आसमान के तारों से
कितने अनजान थे
बिखर गये अहसास ऐसे
कि खुशबओं के तसव्वुर थे
बिखर गये अहसास ऐसे
कि महकें, मगर कई बेखबर थे

शिवम राव मणि

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सारे ही चेहरे कातिल है।
सारे ही चेहरे कातिल है।
Taj Mohammad
जोकर करे कमाल
जोकर करे कमाल
RAMESH SHARMA
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
*दायरे*
*दायरे*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
bharat gehlot
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Kya ajeeb baat thi
Kya ajeeb baat thi
shabina. Naaz
संवेदना का फूल
संवेदना का फूल
Minal Aggarwal
मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
Shweta Soni
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
"जोकर"
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी राहें
कितनी राहें
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
Ranjeet kumar patre
// तुलसी जयंती पर विशेष //
// तुलसी जयंती पर विशेष //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" भाषा क जटिलता "
DrLakshman Jha Parimal
धूल
धूल
प्रदीप कुमार गुप्ता
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
:===:बेवफ़ा प्रेमी:===:
:===:बेवफ़ा प्रेमी:===:
Prabhudayal Raniwal
2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Life is all about being happy
Life is all about being happy
Deep Shikha
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
Shreedhar
निर्मेष के दोहे
निर्मेष के दोहे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
बीते हुए दिन बचपन के
बीते हुए दिन बचपन के
Dr.Pratibha Prakash
रिश्ते
रिश्ते
राकेश पाठक कठारा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मित्रता
मित्रता
Shashi kala vyas
Loading...