बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
आँधियो से लड़कर खिलने का हुनर रखते है,
शाख से टूटकर ज़मीन पर गिरा नहीं करते,
हम खुले आसमाँ में उड़ने का हुनर रखते है !!
!
डी के निवातिया
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
आँधियो से लड़कर खिलने का हुनर रखते है,
शाख से टूटकर ज़मीन पर गिरा नहीं करते,
हम खुले आसमाँ में उड़ने का हुनर रखते है !!
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डी के निवातिया