Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2022 · 1 min read

बिक रहा सब कुछ

जमीर बिक रहा है, इंसान बिक रहा है
दो पैसे में यहां हर ईमान बिक रहा है

ढूंढने की ज्यादा जरूरत नहीं है अब
मंदिर, मस्जिदों में, राम रहमान बिक रहा है

नफरत की आंधियों का तुफां सा है फैला
जहर दिलों में इंसा के , कितना घुल रहा है

शास्त्री का दोस्त रजा, अब्दुल का मोहन
नाम अब घरों पर अलग रंग से पुत रहा है

पानी गंगा जमुना का तो था सफेद नीला
पानी संगम प्रयाग में, पर लाल मिल रहा है

डा. राजीव “सागर”

1 Like · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
4691.*पूर्णिका*
4691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किससे यहाँ हम दिल यह लगाये
किससे यहाँ हम दिल यह लगाये
gurudeenverma198
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
बादल बरस भी जाओ
बादल बरस भी जाओ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
Sonam Puneet Dubey
"जुदा ही ना होते"
Ajit Kumar "Karn"
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह।
जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह।
sushil sarna
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
टिप्पणी
टिप्पणी
Adha Deshwal
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं थी,पर समय सबके पास था
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं थी,पर समय सबके पास था
Ranjeet kumar patre
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
*शाही शादी पर लगे, सोचो कैसे रोक (कुंडलिया)*
*शाही शादी पर लगे, सोचो कैसे रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बावला
बावला
Ajay Mishra
तुमको अहसास
तुमको अहसास
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
खास होने का भ्रम ना पाले
खास होने का भ्रम ना पाले
पूर्वार्थ
"अपराध का ग्राफ"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...