बाज़ीगर
मौत से खेलते बाज़ीगरो को आपने देखा होगा।
कभी सर्कस में ,कभी सड़क पर मजमा लगाते, कभी मौत के कुएँ में मोटरसाइकिल चलाते देखा होगा।
ये वो जाँबाज़ है जो रोज़ मौत से खेलते हैं।
हर दिन मौत से खेल कर कर उसे दग़ा देते हैं ।
पेट की खातिर ज़िंदगी दांव पर लगा देते हैं।
नहीं है उन्हें मौत का उतना खौफ ।
जितना है उन्हें अपना और अपने बच्चों के भूखे पेट मरने का खौफ।
उन्हे मंज़ूर है दो पल हंसती खेलती ज़िंदगी के।
ब़निस्ब़त हज़ार पल सिस़कती भूख़ से तड़पती ज़िंदगी के।