Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2023 · 1 min read

बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,

बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
दिल के एहसास, रिश्तों की जान होती है।
सच ही कहते हैं लोग, अच्छे समय में नहीं,
मुसीबत में ही अपनों की पहचान होती है।।

-लोकनाथ ताण्डेय’मधुर’

1 Like · 754 Views

You may also like these posts

हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
gurudeenverma198
यॅू तो,
यॅू तो,
TAMANNA BILASPURI
जुदाई  की घड़ी लंबी  कटेंगे रात -दिन कैसे
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
Dr Archana Gupta
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
Pramila sultan
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
4377.*पूर्णिका*
4377.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उत्कृष्ट हिन्दी
उत्कृष्ट हिन्दी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बिना साधना के भला,
बिना साधना के भला,
sushil sarna
शनि देव
शनि देव
Rambali Mishra
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
Neelam Sharma
"नेताओं के झूठे वादें"
राकेश चौरसिया
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
कर्म का निवेश
कर्म का निवेश
Mukund Patil
कैसी ये शिकायतें?
कैसी ये शिकायतें?
शिवम राव मणि
मां
मां
Phool gufran
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
गीत- वही रहना मुनासिब है...
गीत- वही रहना मुनासिब है...
आर.एस. 'प्रीतम'
"भाड़े के टट्टू"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तजुर्बा ऐसा भी
एक तजुर्बा ऐसा भी
Sudhir srivastava
* अरुणोदय *
* अरुणोदय *
भूरचन्द जयपाल
तक़दीर का ही खेल
तक़दीर का ही खेल
Monika Arora
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
डर
डर
Rekha Drolia
- दिल के अरमान -
- दिल के अरमान -
bharat gehlot
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
Loading...