बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
दिल के एहसास, रिश्तों की जान होती है।
सच ही कहते हैं लोग, अच्छे समय में नहीं,
मुसीबत में ही अपनों की पहचान होती है।।
-लोकनाथ ताण्डेय’मधुर’
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
दिल के एहसास, रिश्तों की जान होती है।
सच ही कहते हैं लोग, अच्छे समय में नहीं,
मुसीबत में ही अपनों की पहचान होती है।।
-लोकनाथ ताण्डेय’मधुर’