“बाहर क्यों सन्नाटा है”
मन में इतना शोर मचा है,
बाहर क्यों सन्नाटा है।
गहरे दरिया में तूफान घना है,
साहिल क्यों घबराता है।
मन में इतना शोर मचा है,
बाहर क्यों सन्नाटा है।
ओर मिले ना छोर जहां पर,
एेसा भँवर फसाया है।
मन में इतना शोर मचा है,
बाहर क्यों सन्नाटा है।।
…निधि…