बावरी बातें
प्रेम में बावरा होना भी
कितना अद्भुत होता है न..
हर पल कल्पनाओं का क्षितिज
आशाओं के मन को
बहलाता रहता है..
मौसम इंद्रधनुषी सा..
गुनगुनाता रहता है!
स्वप्नों की दालान पर बिखरे
मोंगरे के फूल सरीखे
मिलन के सुर्ख लम्हें
सहेज कर..
तिलिस्मी चाॅंद!
मुस्कराता रहता है..
सच कहो..
क्या तुम्हें भी
प्रेम में बावरा होना..बहुत भाता है?
रश्मि लहर