बाल मजदूरी- सजा जरूरी
बाल मजदूरी- सजा जरूरी
बर्तन चौका साफ सफाई
घर का कूड़ा उठाया है ।
नाबालिक छोटे बच्चे पर
आज यह संकट आया है ।।
मजदूरी करके बच्चे ने
दुख का बीड़ा उठाया है ।
हठखेली और खुशियों को
जालिम ने दूर भगाया है ।।
खुद का बच्चा थूके पान
दूजे बच्चे ने उठाया है ।
नियमों को देखो जालिम ने
अपना ठेंगा दिखाया है ।।
ढोंग रचा कर देखो उसने
बच्चे पर जुल्म ढहाया है ।
मासूमियत उसको ना भायी
बच्चे नौकर बनाया है ।।
मन की पीड़ा बच्चे की
समझ न कोई पाया है ।
झूठा भोजन खाकर उसने
भूख को शांत कराया है ।।
जालिम परिजनों ने उसको
कभी न स्कूल दिखाया है ।
काला अक्षर भैंस बराबर
यही उसको समझाया है ।।
मजदूरी ना बाल करे
नियम कानून बनाया है ।
नाबालिक का ऐसा दर्जा
सरकार ने उसे दिलाया है ।।
मुफ्त पढ़ाई देकर उसको
मन का भार हटाया है ।
खुशियों की खातिर बच्चों के
बाल कल्याण विभाग बनाया है ।।
जबरन मजदूरी बच्चों से
जो भी कोई करवाएगा ।
हम सब कसम यह खाते हैं
जेल में वो ही जाएगा ।।
बाल मजदूरी जो दूर भगाए
वही देशभक्त कहलाएगा।
अरविंद कवि अपना संदेश
जन-जन तक पहुंचाएगा ।।